चाणक्य का पडोसी

जिस प्रकार वृक्ष अपने फल स्वयं
नहीं खाते
और नदियाँ अपना पानी स्वयं
नहीं पीती,
ठीक उसी प्रकार
.
सरकारी कर्मचारी अपने
खुद के
बच्चों को ‘सरकारी स्कूल’ में
नहीं पढ़ाते
(चाणक्य का पडोसी)

टिप्पणियाँ